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पलायन  पलायन सिर्फ परिस्थितियों से भागने का क्रम ना होकर एक तलाश भी है नयी सम्भावनाओं का. ये संभावनाएं नए उपयोगपरक अवसर लेकर भी आती हैं |

कविता का अलाव

मष्तिष्क में छाये धुंध को हटाने को  खुद को कविता-लेखन की पटरी पर लाने को  ये प्रस्तुति कविता रुपी अलाव का हवन है  आखिरकार शरीर भी कोशिकाओं का भवन है  धुंध जैसे जल का एक स्वरुप है  मानव अंग भी कोशिकाओं का भिन्न भिन्न प्रारूप है  इस कविता को तर्क-वितर्क के तराजू पर मत तौलिये  क्योंकि बहुत दिन के उपरान्त ये एक अभिनव प्रयास है  इस कर्मठ के पूर्व अगणित दिवसों का अवकाश है  रोज़मर्रा घटित होती घटनाएं, लेखन का अवसर देती हैं  ठीक समय पर न सचेत हों, तो ज़िन्दगी भी 'कह कर लेती है' इस लेख में आप अंग्रेजी का मिश्रण कम पाएंगे  और German (तृतीय भाषा) खोजने के लिए CBI का भूत लगाएंगे  चूंकि ये खाटी हिंदी में तैयार देशी व्यंजन है  इसका भाव वही समझे जो 'Pure Lit Vegan' है  आपसे एक गुज़ारिश है  एक छोटी सी शिफारिश है  ये कविता एक लय-ताल की बहती धारा है  इसका मूल 'Go with the flow' का प्रचलित नारा है  फिर भी हम भी कितना भी फ्लो में जाते हैं...

रूबरू

ये शायर जब भी लिखता है, शब्दों के मोती पीरो के लिखता है  इस मोती के गहने की कीमत बेमोल है बाजारों में, जिस हुस्न की ये फरमाइश हुयी, उस नूर में चाँद का अक्स दिखता है  । कहाँ मियां किस ख्याल में हो, किसने कहा कि ये जनरेशन 'कबीर' ढूंढती है  अब तो बस एक खींची हुई लकीर ढूंढती है !  #TikkaBhaat टाटा बिड़ला के कारखाने से कमाए पैसे मकान बनाते हैं,  केजीपी आओ, यहाँ हम इंसान बनाते हैं ! #Convo2013

वक्तव्य

हमने, खड़गपुर की जमीं को अपना आशियां बनाकर खुशनसीबी पाई है. यादें पत्थरों में ढलकर हमेशा जिन्दा रहेंगी हमारे दिल और दिमाक में. बलिदान की सेज पर बना ये ज्ञान का मंदिर, प्रतीक है आजादी में दी शहादत का. सबको मालूम है, ये प्रतीक भारत के भविष्य का मुकम्मल निशाँ होगा ! #IndependenceDay @IITKharagpur'13

भागम भाग में लगते दाग !!

सब भाग रहे हैं  बेवजह हर जगह  मांग रहे हैं  - रसोई तेल में सब्सिडी  - PM इन कस्टडी  कोई टेम्पो में भागे  कोई द्वारका के पास मेट्रो मांगे  किसी का इम्तिहान आज है  राजीव शुक्ला को अब भी आईपीएल पर नाज़ है   सहवाग ने अकादमी खोल दी है  धोनी की बीवी ट्वीट कर बोल दी है  "कुछ तो लोग कहेंगे....लोगो का काम है कहना " (श्रोत - आज तक ) टीवी ऑन रखिये विन्दु के बिंदु वार आईपीएल प्रवचन अभी जारी रखेंगे बहना ! 

आप कहाँ रहते हैं ?

जी नहीं मै महानगर प्रजाति का नहीं  कुछ रूक कर वो सोचे  फिर बोले - कभी ऐसा कुछ सुना नही कहीं   फिर अकादमिक प्रजाति के बारे में पूछे   'तो आप आई आई टी से हैं'  इस जाति - प्रजाति के वार्तालाप में  इसी मध्य टी वी  पर फैले 'श्रीशांत-दत्त' के प्रलाप में  मैंने उन्हें लखनऊ की याद दिलाई  यही वो स्थान है जहाँ से मेरा घर निकट है  ये देखिये मेरी यात्रा का वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी का टिकट है  विषय परिवर्तन पर बंगलौर की बारी आई  इस चर्चा पर उन्हें भी खुमारी छाई    चंद  पल में  'बंगलुरू' और 'बंगलौर' उत्तर - दक्षिण ध्रुव से प्रतीत होने लगे  भीष्म - अवतार में उनके कथन  ग्रंथ गढ़ने लगे  बगल वाले उठाके 'मीनू' पढने लगे  हम भी सदाचार का भ्रम तोड़ आगे बढ़ने लगे ..... To be Continued... # Bangalore Diary 

आज मुझे चुनना पड़ा....

आज मुझे चुनना पड़ा.... काले और सफ़ेद में, हिंदी और अंग्रेज़ में.. उस क्षण थी चुनने की दुविधा .. सूचना - सीमित समय के लिए उपलब्ध है ये सुविधा ! हमारी धुन थी चट्टान सी मजबूत .. सूचना -  बिन जल ...मछली के ...नाचने के मिले हैं सुबूत ! धुन को हमने अभी ध्यान से हटाया  मौका भांप .. आस्तीन के सांप से हाथ मिलाया  अचानक .. शांत हूँ, स्थिर हूँ .. वाह्य प्रकृति की गोद में  शांति की शोध में  किन्तु,  अन्दर भंवर है भाव का  कि, एक महान उद्देश्य- एक महान देश  अवसर ढूँढूं या अवशेष  मेरी प्रेरणा है - प्रकृति, राजनीति कि विकृति, जन की मौन स्वीकृति ! अभी तो सो रहा हूँ मैं, ६*४८*७६ पे करवटें ले रहा हूँ मैं  घंटी- घड़ी पुकारती , मेरी मौन-धुन स्वीकारती !