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C.G. सम्मलेन में पंजी प्रभु

Inter IIT C.G. सम्मलेन था
K.G.P. में उद्वेलन था |
देशभर के सारे
एक से एक पंजी, छग्गी,नहली..... पधारे
जिनकी सोच अलग ,अलग विचार था
उनमे K.G.P.  पंजी  का जुदा ही व्यवहार था |
जब  'नहली'   C.G. व्यवस्था  के परिणाम पर अपनी  सहमति जता रहे थे
तब पंजी देव मुस्कुराये
और मुस्कुराये ही जा रहे थे |
जब सबकी नज़रें उनको घूर -घूर के देखने लगीं
तब
'छग्गी' जो उन्हें सबसे करीब से था जानता
बोला
इस रहस्यमयी मुस्कान को सिर्फ वही है पहचानता



जो  Mid-sem,End-sem  के तूफ़ान को शीतलता से वार दे
प्रोफ़ेसर की ललकार हो
या
Class- test  का प्रहार हो
Peace मरता रहे
दिन- महीने  तार दे |
 है घड़ी अब सीख लो
निर्भीकता की भीख लो |
है अटल खड़ा वो कबसे
First -year की C.G. लगी है जबसे |



समय है समझो !
सुख -दुःख की बाट है दुनिया
मेल मिलाप से बढ़ता प्यार
खैर करो जनता पे प्यारे
'Marks' को क्यूँ  'absolute' बना देते हो यार !!!

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